पुजा विधी
विधी के लिए आवश्यक सुचनाएँ
मुहरत आगे दिये हुए है । इस तरह जो तारीख आपको सही लगे वह पंधराह दिन पहले हमे बताना अति-आवश्यक है । जो तारीख आप हमे सुचित करेंगे उसके एक दिन पहले शाम ६ बजे तक आना होगा । हमारा फोन नंबर संपर्क सूचि मे दिया हुआ है और फोन करने का समय पर ही कृपया फोन करे । आप हमें सूचित करते समय कृपया फोन करने की कोशिशही करे । (फोन करते समय आपकी किसी भी तरह की शंका हो तो संक्षिप्त शब्दो मे पुष्टी करे ताकी हमे बतलाने मे आसानी हो और आपको ज्यादा समझने में परेशानी न हो। इस बात का ध्यान रखे)
आगे दिए हुए वस्त्र नये और अच्छे लाए
पुरूषों के लिए - १ धोती , १ बनियान, १ अंडरवेअर, १ नॅपकिन (हर विधीके लिए अलग वस्त्र लाए)
स्त्रियों के लिए - १ साडी सफेद, हरा, लाल, काला यह रंग छोडकर (प्रिटेंड) में साडी लाईए । १ ब्लाऊज, १ पेटिकोट तथा अंर्तवस्त्र । (हर विधीके लिए अलग वस्त्र लाए)
विधी का खर्चा इस प्रकार ।
नारायण-नागबली | रु. ६००१/- + १ ग्रॅंम सोनेका नाग (दोनोका रहेना और भोजन के साथ) |
त्रिपिंडी श्राध्द | रु. ३५००/- (दोनोका रहेना और भोजन के साथ) |
कालसर्प शांती | रु. ४०००/- (दोनोका रहेना और भोजन के साथ) |
नारायण - नागबली के लिए 'नागप्रतिमा' अलग से 'त्र्यंबकेश्वर' में ही आकर बनवानी होग असल मे जादा लोगो की भी जरूरत नही होती, इसी लिये अनावश्यक लोंगो को लाने की जरूरत नही । एक कमरे मे ३ या ४ लागों (छोटे या बडे) से ज्यादा लोग ठहरने की इजाजत नही है । इस लिए आप कुल कितने लोग आनेवाले है यह अवश्य बताए । नारायण - नागबली विधी में अगर आपके माता-पिता जिवित न हो तो सर के बाल पुरे (मुंडन) निकालने की आवश्यकता है । शंका समाधान के लिए अपनी ''जन्म कुंडली'' साथ लाये । त्र्यंबकेश्वर महाराज आप सभी को अच्छी और लंबी आयु दे, यही मन से प्रार्थना ।
विशेष प्रमुख सुचनाए
महुरत के काल विचार
त्रिपादपंचकं वर्ज्य प्रारंभ्ये तु बलिद्वये ।
अन्य दोषस्य संप्राप्तीरस्मिन कार्य न दु:ख ।।
उपर दिये गये नियम के अनुसार नारायणबली - नागबली के लिए धनिष्ठापंचक एवं त्रिपाद नक्षत्र वर्ज है । धनिष्ठा नक्षत्र के उत्तरार्ध में आरंभ हो के रेवती के अंत तक इन साडेचार नक्षत्र की धनिष्ठा पंचक कहते है । त्रिपाद नक्षत्र याने कृत्तिका, पुनर्वसु, उत्तराफाल्गुनी, विशाखा उत्तरषाढा यह नक्षत्र है ।
गुरू भार्गवयोमौढये पौषमासे मलिम्लुचे ।
नातीत: पितृमेध: स्याद्वयां गोदावरी विना ।।
उपर लिखित नियम के अनुसार गुरू शुक्र के अस्त में एवं मलमास में तथा पौषमास मे नही करे, ऐसा भी अगर नियम हो तो वह यहॉ लागू नही होता । ऐसा उपर लिखा हुआ शास्त्रवाचन है । क्यों की गोदावरी के उगमस्थान पर उसको दोष नही रहता । (निर्णय : पान ६ रट)
कर्म का अधिकारी विचार
चातुर्वेर्ण्येन कर्तेव्यो बलिनारायणोsभिद ।
नारायण - नागबली विधी करने का सभी वर्णीयो को अधिकार है । यह विधी माँ बाप के होते हुए तथा ना रहते हुए करने का अधिकार सभी को है । पिताजी ना होने पर क्षौर (मुंडन करना) करना आवश्यक वैसे बंधनकारक भी है ।
विवाह होनेवाले व्यक्ती को संपत्ती के लिये यही विधी करना पडेगा । पत्नी जिवित ना होने पर अकेले पुरुष को विधी करने का अधिकार है । कुछ लोगो मे बहोत बडी गलत फैमी है । परिवार मे से एक ने यह विधी किया तो बाकी किसी को यह विधी करनेकी जरूरत नही है । पंरतु ऐसा नही है, सभी व्यक्ती को यह विधी करने का अधिकार है । विशेषत: जिनके कुंडली मे दोष पाया गया है । उस हर एक ने स्वतंत्र विधी करने से सबसे उत्तम। जिस घर मे पुरुष ना हो उन्होने ब्राम्हण के हाथो से यह विधी करवा सकते है । अकेले स्त्री को यह विधी करने का अधिकार नही है ।
इस विधी संबंधी समग्र सुचना अन्य जगह के शास्त्री पंडीतो को नही है । क्यों की यह विधी इस क्षेत्रका वैशिष्टय है ।
नारायण - नागबली विधी के 2024 के मुहरत
नवंबर 2024 | 4, 7, 24, 27 |
दिसंबर 2024 | 1, 6, 12, 15, 18, 21, 24, 28 |
नारायण - नागबली विधी के 2025 के मुहरत
जनवरी 2025 | 2, 8, 11, 14, 17, 20, 27 |
फ़रवरी 2025 | 14, 17, 21, 26 |
मार्च 2025 | 3, 7, 10, 13, 16, 20, 25, 31 |
अप्रैल 2025 | 3, 6, 10, 14, 18, 22, 27, 30 |
मई 2025 | 4, 7, 11, 15, 19, 25, 28, 31 |
जून 2025 | 3, 7, 11, 15, 21, 24, 27, 30 |
जुलाई 2025 | 4, 7, 12, 18, 22, 25, 30 |
अगस्त 2025 | 3, 6, 9, 14, 18, 21, 24 |
सितंबर 2025 | 3, 5 (11, 14, 17, 20) |
अक्टूबर 2025 | 3, 8, 11, 15, 25, 30 |
नवंबर 2025 | 5, 8, 11, 14, 17, 20, 23, 26 |
दिसंबर 2025 | 2, 5, 8, 11, 14, 18, 23, 29 |
त्रिपिंडी श्राध्द और कालसर्प शांती और जनन शांती के 2024 साल के मुहरत
नवंबर 2024 | 6, 9, 23, 26, 29 |
दिसंबर 2024 | 4, 8, 9, 11, 14, 17, 20, 23, 26, 30 |
त्रिपिंडी श्राध्द और कालसर्प शांती और जनन शांती के 2025 साल के मुहरत
जनवरी 2025 | 1, 5, 7, 11, 16, 19, 22, 29 |
फ़रवरी 2025 | 16, 19, 23, 25, 28 |
मार्च 2025 | 5, 9, 12, 15, 18, 22, 24, 28, 30 |
अप्रैल 2025 | 2, 5, 8, 12, 16, 20, 24, 29 |
मई 2025 | 3, 6, 9, 13, 17, 18, 22, 24, 27, 29 |
जून 2025 | 2, 5, 9, 13, 18, 23, 26, 29 |
जुलाई 2025 | 2, 6, 9, 11, 15, 17, 20, 24, 28, 29 |
अगस्त 2025 | 1, 5, 8, 11, 12, 16, 20, 23, 26 |
सितंबर 2025 | 5, 8, 10 |
अक्टूबर 2025 | 5, 10, 14, 18, 27, 28 |
नवंबर 2025 | 1, 3, 7, 10, 13, 16, 19, 22, 25, 28, 30 |
दिसंबर 2025 | 4, 7, 10, 13, 16, 20, 21, 25, 27, 31 |
विशेष सुचनाए
ई - मेल करते समय सिर्फ हिंन्दी भाषा का ही प्रयोग करे ।
उपर दिये हुए सभी मुहरत हमारे और यहा के हालात देखकरही हमने तय किये है । किसी तरह से इसमे बदलाव या बिंनती की उम्मिद न करे ।
नारायण - नागबली और त्रिपिंडी श्राध्द का ज्यादा फल पितृपक्ष या नागपंचमी मे करने से मिलता है । यह मानना गलत और मुर्खता है । इस अफवा पर भरोसा न करे ।
सिंहस्थ कुंभमेला सिर्फ त्र्यंबकेश्वरमेंही होनेवाला है । यह बात खासकर दिमाग मे ध्यान से रखे । नाशिक मे कुंभमेला होता है । इसीको कुछ भी शास्त्रीय प्रमाण नही है । यह सिर्फ अफवा है । अगला कुंभमेला १४/०७/२०२७ से ११/०८/२०२८ तक त्र्यंबकेश्वर मे ही होगा ।